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Thursday, April 21, 2011

प्यार भले कितना ही कर लो, दिल में कौन बसाता है!


प्यार भले कितना ही कर लो, दिल में कौन बसाता है!
मीत बना कर जिसको देखो, उतना ही तड़पाता है!
मेरा दिल आवारा पागल, नगमें प्यार के गाता है!
ठोकर कितनी ही खाई पर बाज नही यह आता है!
मतलब की है सारी दुनिया कौन किसे पहचाने रे!
कौन करे अब किस पे भरोसा, हर कोई भरमाता है!
अपना दुख ही सबको लगता सबसे भारी दुनिया में!
बस अपने ही दुख में डूबा अपना राग ही गाता है!
खून के रिश्तों पर भी देखो छाई पैसे की माया!
देख के अपनो की खुशियों को हर चेहरा मुरझाता है!
कहते हैं अब सारी दुनिया सिमटी मुट्ठी में लेकिन!
सात समंदर पार का सपना सपना ही रह जाता है!
इंसा नाच रहा हैवां बन, कलयुग की कैसी छाया!
मैने जिसको अपना माना, मुझको विष वो पिलाता है!
आँख में मेरी आते आंसू, जब भी करता याद उसे!
दूर नही वह मुझसे लेकिन, पास नही आ पाता है!
इक लम्हे के लिए भी जिसने, अपना दिल मुझको सौंपा!
जीवन भर फिर याद से अपनी, मुझको क्यूँ वो रुलाता है!
मेरे पैरों में सर रख कर, दर्द की दी उसने दुहाई!
दर्द की लेकर मुझसे दवाई मुझको आँख दिखाता है आपसे दोस्ती हम यूं ही नही कर बैठे,
क्या करे हमारी पसंद ही कुछ "ख़ास" है. .
चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,
तो चाँद की चाहत किसे होती.
कट सकती अगर अकेले जिन्दगी,
तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती.
कभी किसी से जिकर ऐ जुदाई मत करना,
इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना,
जब दिल उब जाए हमसे तो बता देना,
न बताकर बेवफाई मत करना.
दोस्ती सची हो तो वक्त रुक जाता है
आसमां लाख ऊँचा हो मगर झुक जाता है
दोस्ती मे दुनिया लाख बने रुकावट,
अगर दोस्त सचा हो तो खुदा भी झुक जाता है.
दोस्ती वो एहसास है जो मिटती नही.
दोस्ती पर्वत है वो, जो झुकता नही,
इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे,
यह वो "अनमोल" मोटी है जो बिकता नही . . .
सची है दोस्ती आजमा के देखो..
करके यकीं मुझपर मेरे पास आके देखो,
बदलता नही कभी सोना अपना रंग ,
चाहे जितनी बार आग मे जला के देखो   

6 comments:

  1. accha prayas kiya hai par gazal aur kavya ka mixture thora radeef aur kafiya ke chakkar mein bhatak sa gaya malum hota hai...agar ise theek kar lein to bhav jyada arthwan ho jaaye...

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  2. हिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में इस नये ब्लॉग का और आपका मैं संजय भास्कर हार्दिक स्वागत करता हूँ.

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  3. कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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  4. प्यार भले कितना ही कर लो, दिल में कौन बसाता है!
    मीत बना कर जिसको देखो, उतना ही तड़पाता है!
    मेरा दिल आवारा पागल, नगमें प्यार के गाता है!
    ठोकर कितनी ही खाई पर बाज नही यह आता है!bahut sundar lagi ye line...bhut acchhi hai kabita...likhte rahie

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  5. PYAR ANMOL MOTI HAI JO BIKTA NAHI. BAHUT KHUB. . . APKA BLOG KI DUNIYA ME SWAGATHAI.. OR BLOGO KO BHI PADHE OR APNI PARTRKRIYAYEN DEN. . . . . . . . . .JAI HIND JAI BHARAT

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