प्यार भले कितना ही कर लो, दिल में कौन बसाता है! | |||
मीत बना कर जिसको देखो, उतना ही तड़पाता है! | |||
मेरा दिल आवारा पागल, नगमें प्यार के गाता है! | |||
ठोकर कितनी ही खाई पर बाज नही यह आता है! | |||
मतलब की है सारी दुनिया कौन किसे पहचाने रे! | |||
कौन करे अब किस पे भरोसा, हर कोई भरमाता है! | |||
अपना दुख ही सबको लगता सबसे भारी दुनिया में! | |||
बस अपने ही दुख में डूबा अपना राग ही गाता है! | |||
खून के रिश्तों पर भी देखो छाई पैसे की माया! | |||
देख के अपनो की खुशियों को हर चेहरा मुरझाता है! | |||
कहते हैं अब सारी दुनिया सिमटी मुट्ठी में लेकिन! | |||
सात समंदर पार का सपना सपना ही रह जाता है! | |||
इंसा नाच रहा हैवां बन, कलयुग की कैसी छाया! | |||
मैने जिसको अपना माना, मुझको विष वो पिलाता है! | |||
आँख में मेरी आते आंसू, जब भी करता याद उसे! | |||
दूर नही वह मुझसे लेकिन, पास नही आ पाता है! | |||
इक लम्हे के लिए भी जिसने, अपना दिल मुझको सौंपा! | |||
जीवन भर फिर याद से अपनी, मुझको क्यूँ वो रुलाता है! | |||
मेरे पैरों में सर रख कर, दर्द की दी उसने दुहाई! | |||
दर्द की लेकर मुझसे दवाई मुझको आँख दिखाता है आपसे दोस्ती हम यूं ही नही कर बैठे, | |||
क्या करे हमारी पसंद ही कुछ "ख़ास" है. . | |||
चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता, | |||
तो चाँद की चाहत किसे होती. | |||
कट सकती अगर अकेले जिन्दगी, | |||
तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती. | |||
कभी किसी से जिकर ऐ जुदाई मत करना, | |||
इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना, | |||
जब दिल उब जाए हमसे तो बता देना, | |||
न बताकर बेवफाई मत करना. | |||
दोस्ती सची हो तो वक्त रुक जाता है | |||
आसमां लाख ऊँचा हो मगर झुक जाता है | |||
दोस्ती मे दुनिया लाख बने रुकावट, | |||
अगर दोस्त सचा हो तो खुदा भी झुक जाता है. | |||
दोस्ती वो एहसास है जो मिटती नही. | |||
दोस्ती पर्वत है वो, जो झुकता नही, | |||
इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे, | |||
यह वो "अनमोल" मोटी है जो बिकता नही . . . | |||
सची है दोस्ती आजमा के देखो.. | |||
करके यकीं मुझपर मेरे पास आके देखो, | |||
बदलता नही कभी सोना अपना रंग , | |||
चाहे जितनी बार आग मे जला के देखो |
2 months ago